ज्योतिष में भगवन शिव की पूजा अर्चना को चन्द्रमाँ से जुड़े सभी दोषों या नकारात्मक योगों से मुक्ति के लिए बहुत शुभ और रामबाण उपाय माना गया है और इसमें भी विशेष रूप से शिवलिंग का अभिषेक करना सर्वश्रेष्ठ और बहुत शीघ्र परिणाम देने वाला होता है... अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चन्द्रमाँ नीच राशि में हो... चन्द्रमाँ राहु की युति से चंद्रग्रहण योग बना हो... चन्द्रमाँ सूर्य की युति से अमावश्या योग बना हो... चन्द्रमाँ शनि की युति से विष योग बना हो.... केमद्रुम योग बना हो... या फॉर कालसर्प योग हो... तो कुंडली में बने इन सभी दोषो या नकारात्मक योगों के कारण व्यक्ति के जीवन में विशेष रूप से मानसिक शांति की कमी हमेशा बनी रहती है कभी मन स्थिर नहीं हो पाता और व्यक्ति हमेशा नकारात्मक विचारों और अवसाद में डूबा रहता है इसलिए अलावा ये सभी योग व्यक्ति के जीवन में संघर्ष और बाधाएं भी बढ़ाते हैं जिससे जीवन में उथल पुथल बनी रहती है और ख़ास तौर पर मानसिक रूप से तो व्यक्ति परेशान ही रहता है.... तो अगर कुंडली में ये 6 ग्रह योग बने हों तो ऐसे में प्रतिदिन श्रद्धापूर्वक शिवलिंग का अभिषेक करने से इन सभी योगों का दुष्परिणाम क्षीण हो जाता है और और इनके बुरे परिणाम से व्यक्ति बच जाता है साथ ही जीवन में आंशिक स्थिरता और शांति भी आती है इसलिए जिन लोगों की कुंडली में भी ये योग बने हों उन्हें भगवान् शिव का प्रतिदिन अभिषेक अवश्य करना चाहिए... और अपने घर में भी एक छोटी शिवलिंग रख सकते हैं जिसका रोज अभिषेक कर सकते हैं.... भगवान् शिव के अभिषेक से चन्द्रमाँ मजबूत होता है और चन्द्रमाँ जल व दूध दोनों का कारक है इसलिए दूध और जल के मिश्रण से भगवान् का अभिषेक करना चाहिए..... जिन लोगों को डिप्रेशन, मानशिक अशांति, घबराहट, नकारात्मक विचार और एकाग्रता की कमी की समस्या हो उनके लिए भी ये रामबाण उपाय सिद्ध होता है।