आने वाली 9 तारिख को एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने वाला है जो सामान्यतः देखने को नहीं मिलता, वर्तमान ग्रहस्थिति को देखें तो मकर राशि में शनि और बृहस्पति का संचार तो काफी लम्बे समय से चल रहा है पर पिछले माह सूर्य और शुक्र का प्रवेश भी मकर राशि में होने से मकर राशि में चतुर्ग्रही योग तो बना हुई हुआ है पर अब 5 फरवरी को वक्री बुध का भी प्रवेश हो जायेगा और इसके बाद विशेष रूप से 9 फरवरी की रात को 8 बजकर 31 मिन्ट पर चन्द्रमाँ भी मकर राशि में प्रवेश कर जायेगा जिसके बाद मकर राशि में एक साथ 6 ग्रह (शनि बृहस्पति सूर्य शुक्र बुध और चन्द्रमाँ) उपस्थित होंगे और मकर राशि में "षड-ग्रह योग" बन जायेगा जो ज्योतिष की दृष्टि से एक बहुत दुर्लभ संयोग है जो कई वर्षों में एक बार बनता है और इसके अलग अलग अच्छे बुरे परिणाम भी होते हैं। इस बार ये "षड-ग्रह योग" 9 फरवरी की रात 8:31 से शुरू होकर 11 फरवरी की पूरी रात तक उपस्थित रहेगा।
ऐसे होंगे इस षड-ग्रह योग के परिणाम -
मकर राशि में बनने वाले इस षड-ग्रह योग में शनि बृहस्पति सूर्य शुक्र बुध और चन्द्रमाँ ये 6 ग्रह एक साथ होंगे जिससे के मिश्रित परिणाम सामने आएंगे जहाँ कुछ चीजें बहुत शुभ होंगी तो वहीँ कुछ तनाव पूर्ण स्थितियां भी सामने आएँगी। सबसे पहले मकर राशि में 6 ग्रह एक साथ होने से जो कुछ योग बनेंगे उन्हें देखें तो इसमें सूर्य बुध की युति से "बुधादित्य योग" बनेगा सूर्य-बृहस्पति से "जीवात्मा योग" बनेगा बृहस्पति-चन्द्रमाँ से "गजकेसरी योग" बनेगा और शुक्र-चन्द्रमाँ से लक्ष्मी योग का निर्माण होगा ये सभी शुभ योग हैं पर इसके अलावा शनि चन्द्रमाँ की युति से "विष योग" और सूर्य चन्द्रमाँ से अमावस्या योग भी बनेगा जो की तनाव बढ़ाने वाले योग हैं पर इस पूरे षड-ग्रह योग में सबसे अच्छी बात ये है के चारों शुभ ग्रह (बृहस्पति शुक्र बुध चन्द्रमाँ) एक साथ आ गए हैं भले ही इस भले ही ये षड-ग्रह योग थोड़ी सामाजिक राजनैतिक और प्राकृतिक "उठा पटक" तो कराएगा लेकिन इसके अधिकांश परिणाम शुभ ही होंगे।
सकारात्मक बिंदु - कालपुरुष की कुंडली को आधार बनाकर देखें तो मकर राशि में इन 6 ग्रहों का एक साथ होना राजयोग जका निर्माण भी करता है इसलिए इस योग का बनना उन्नति और समृद्धि कोई दिखाता है यानि के बीते वर्ष कोरोना और लॉक-डाऊन के कारण जो रोजगारों की दिक्कत और आर्थिक समस्याएं बढ़ी थीं उन सबकी भरपाई इस वर्ष में जरूर होगी और राष्ट्रिय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नए रोजगारों के साथ आर्थिक उन्नति भी होगी। शनि की राशि में इतने ग्रहों का एक साथ योग नई तकनीकों को भी सामने लायेगा और टैक्निकल फील्ड के लोगों को सफलता देगा। इस योग में आत्मा करक सूर्य धर्म कारक बृहस्पति और कर्म अध्यात्म तपस्या कारक शनि एक साथ है इसलिए धर्म कार्य भी इस वर्ष आगे बढ़ेंगे और भारत की पुरातन वैदिक संस्कृति उभरकर सामने आएगी। अगर भारत की कुंडली के अनुसार इस "षड -ग्रह योग" में एक ख़ास बात ये है के ये "षड -ग्रह योग" भारत की कुंडली के "पराक्रम भाव" को सीधी दृष्टि से देखेगा इसलिए आगे के समय में भारत का पराक्रम और सैन्यबल और अधिक सशक्त होगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की शक्ति उभरकर सामने आएगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के सम्बन्ध और आगे बढ़ेंगे।
नकारात्मक बिंदु - इस षड-ग्रह योग में शनि सूर्य और चन्द्रमाँ एक साथ होना ज्योतिष की दृष्टि से एक नकारात्मक योग भी है इसलिए 9 तारिख की रात इस योग के बनने के बाद के कुछ दिनों के अंदर अधिकांश लोगों में मानसिक तनाव घबराहट और डिप्रैशन की समस्या बढ़ेगी इसलिए मानसिक स्तर पर अपना ध्यान जरूर रखना होगा और जिन लोगों को पहले से ही एंग्जायटी और डिप्रैशन है उन्हें सावधानी रखनी होगी और इस समय में फैमिली आर्ग्युमेंट्स से बचें वरना समस्याएं और अधिक बढ़ेंगी। इसके अलावा इस माह में राजनैतिक उठापटक की स्थिति भी बन सकती है और सामाजिक स्तर पर भी लोगों में रोष और आपसी तनाव बाढ़ सकता है इसलिए अपने क्रोध और व्यवहार पर भी बहुत संयम रखने की आवश्यकता होगी। हालाँकि ये "षड-ग्रह योग" लगभग दो दिन (10 / 11 फरवरी) के लिए ही बनेगा इसलिए इन दो दिनों में तो अपने व्यवहार और मानसिक स्थिति पर बहुत संयम रखें पर इस योग का प्रभाव आने वाले दिनों में पूरे माह तक ही रहेगा इसलिए इस समय में जल्दबाजी या आवेश में आकर बिना विचारे कोई निर्णय और कार्य ना करें।
तो कुल मिलाकर ये "षड-ग्रह योग" मिश्रित परिणाम ही देगा पर सावधानी के तौर पर अगले कुछ दिन मानसिक तनाव ओवर थिंकिंग और आर्ग्युमेंट्स से बचने की कोशिश करें।