यूँ तो प्रतिदिन हम में से अधिकांश लोग सूर्य नारायण को जल का अर्घ्य देते ही हैं पर ये छोटा सा दिखाई देने वाला कार्य यदि नियमित रूप से किया जाये तो जीवन में बड़े सकारात्मक परिवर्तन आते हैं ज्योतिषीय दृष्टि से हमारे जीवन में आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, प्रतिष्ठा, यश, तेज, मैनेजमेंट, पिता, पुत्र, हड्डी, सरकारी कार्य और नेत्र ज्योति का नियंत्रक सूर्य को ही माना गया है इसलिए.... यदि नियमित रूप से सूर्योदय काल में प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित किया जाये तो इससे.... सर्वप्रथम तो व्यक्ति के व्यक्तित्व में बहुत सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं आंतरिक ऊर्जाएं बढ़ने लगती हैं, आत्मविश्वास मजबूत होता है इच्छाशक्ति बढ़ती है, जीवन में यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है और मुख पर तेज बढ़ता है, इसके अलावा सूर्य को नित्य जल का अर्घ्य देने से निरोगता भी मिलती है नेत्रज्योति बढ़ती है, आँखों हड्डियों और ह्रदय से जुडी समस्याओं में लाभ होता है और मन से निराशा का भाव दूर होता ही, इसके अलावा जिन लोगों को अपने पिता या पुत्र के साथ वैचारिक मतभेद रहते हैं उनके लिए भी ये कार्य बहुत सकारात्मक परिणाम देता है, अगर कुंडली में सूर्य की दशा चल रही हो तो भी ये कार्य बड़ा शुभ फल देता है