अपने करियर को लेकर अधिकांश युवा किसी ना किसी प्रोफेशनल कोर्स को करने के बाद एक जॉब की इच्छा रखते हैं वहीँ बहुत से लोग केवल बिजनेस या अपना स्वतंत्र व्यापार करने में ही रुचि रखते हैं किसी न किसी बिज़नेस में ही अपना करियर बानाना बहुत से लोगो की पहली पसंद होती है परन्तु कुछ लोग अपने बिजनेस में सफल हो पाते हैं तो बहुत से लोगो को लम्बे समय तक संघर्ष करने पर भी सफलता नहीं मिलती और इन्वेस्ट किया गया धन भी बेकार चला जाता है वास्तव में किसी व्यक्ति को व्यापार में सफलता मिलेगी या नहीं यह हमारी जन्मकुंडली में बने कुछ विशेष ग्रह-योगो पर निर्भर करता है तो आईये जानते हैं के बिजनेस में सफलता मिलने के लिए कुंडली में कौनसे ग्रह-योग सहायक होते हैं –
“हमारी कुंडली के दसवा भाव हमारे करियर को कंट्रोल करता है इसके अलावा शनि भी हमारी प्रोफेशनल लाईफ को कंट्रोल करता है इसलिए किसी व्यक्ति का करियर किस लेवल का होगा और उसे अपने करियर मि कितनी सफलता मिलेगी ये तो दशम भाव दशमेश ग्रह और शनि की स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन अगर हम बिजनेस फील्ड की बात करें तो इसमें दशम भाव और शनि के अलावा तीन और चीजें इम्पोर्टेंट होती हैं और वो हैं कुंडली का सातवां भाव ग्यारहवा भाव और बुध ग्रह... कुंडली का सप्तम भाव बिजनेस या व्यापार को रिप्रेजेंट करता है और बुध ग्रह व्यापार का नैसर्गिक कारक है इसके अलावा बिजनेस फील्ड में सबसे ज्यादा इम्पोर्टेंट होता है ग्यारहवा भाव जिसे हम लाभ स्थान भी कहते हैं क्योंकि कुंडली का ग्यारहवां भाव ही ये निश्चित करता है के व्यक्ति को व्यापार में धन लाभ होगा या नहीं या किस स्तर का लाभ होगा ये भी कुंडली के लाभ स्थान पर ही डिपेंड करता है तो हालाँकि बिजनेस फील्ड में आगे जाने के लिए सप्तम भाव और बुध ग्रह की भी अपनी पूरी इम्पोर्टेंस है लेकिन लाभ स्थान और लाभेश ग्रह का मजबूत और अच्छी स्थिति में होना बिजनेस की सफलता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है।“
बिजनेस में सफलता के कुछ विशेष योग –
1. यदि लाभेश लाभ स्थान में ही स्थित हो और बुध की स्थिति भी ठीक हो तो व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है।
2. लाभेश की लाभ स्थान पर दृष्टि हो तो व्यापार में सफलता मिलती है।
3. यदि लाभेश दशम भाव में और दशमेश लाभ स्थान में हो तो अच्छा व्यापारिक योग होता है।
4. यदि धनेश और लाभेश का योग शुभ स्थान पर हो या धनेश और लाभेश का राशि परिवर्तन हो रहा हो तो भी व्यापार में सफलता मिलती है।
5. यदि सप्तमेश सप्तम भाव में हो या सप्तम भाव पर सप्तमेश की दृष्टि हो तो बिजनेस में सफलता मिलती है।
6. सप्तमेश स्व या उच्च राशि में होकर शुभ भाव (केंद्र-त्रिकोण आदि) में हो तो बिजनेस के अच्छे योग होते हैं।
7. दशमेश का भाग्येश के साथ राशि परिवर्तन भी व्यापार में सफलता देता है।
8. यदि धनेश और लाभेश का योग शुभ स्थान पर हो या धनेश और लाभेश का राशि परिवर्तन हो रहा हो तो भी व्यापार में सफलता मिलती है।
9. यदि सप्तमेश और दशमेश का राशि परिवर्तन हो अर्थात सप्तमेश दशम भाव में और दशमेश सप्तम भाव में हो तो भी बिजनेस में सफलता मिलती है।
10. बुध स्व या उच्च राशि (मिथुन, कन्या) में होकर शुभ भावों में हो तो बिजनेस में जाने का अच्छा योग होता है।
11. बुध यदि शुभ स्थान केंद्र-त्रिकोण में मित्र राशि में हो और सप्तम भाव, सप्तमेश अच्छी स्थिति में हो तो भी बिजनेस में सफलता मिल जाती है।
12. कुंडली का लाभ स्थान(ग्यारहवा भाव) जितना अधिक बलि होगा बिजनेस में उतनी ही अच्छी उन्नति होगी।
13. सप्तमेश और लाभेश का राशि परिवर्तन भी अच्छा व्यापारिक योग देता है।
तो ये कुछ ऐसे योग हैं जो कुंडली में बने हों तो व्यक्ति बिजनेस के क्षेत्र में अच्छी सफलता पाता है यहाँ एक और बात इम्पोर्टेंट है के कुंडली का सातवा भाव बिजनेस पार्टनरशिप को भी रिप्रेजेंट करता है इसलिए जिन लोगों की कुंडली में सातवा भाव बहुत कमजोर या पीड़ित हो या फिर सातवे भाव में पाप योग बने हुए हों तो ऐसे में पार्टनरशिप में बिजनेस कभी नहीं करना चाहिए। बिजनेस करने और बिजनेस में सफलता के योग तो बहुत से लोगों की कुंडली में होते हैं पर बिजनेस फील्ड में किस व्यक्ति को कितनी या किस लेवल की सक्सेस मिलेगी ये उसकी कुंडली के प्लेनेटरी कॉम्बिनेशंस पर डिपेंड करता है जिसकी कुंडली जितनी ज्यादा बलि होगी उसे उतनी ही ज्यादा अच्छी सफलता मिलेगी। यहाँ ये बात भी इम्पोर्टेंट है के कुंडली में बिजनेस के योग होने पर भी आपको किस चीज से जुड़ा बिजनेस करना चाहिए ये भी सबकी अपनी कुंडली में बने ग्रहयोगों पर ही डिपेंड करता है वैसे मोटे तौर पर जो ग्रह कुंडली में मजबूत और अच्छी स्थिति में हो उससे जुडी चीजों का बिजनेस करना अच्छा होता है।
विशेष – वैसे अपना बिजनेश करने इच्छा तो ज्याददातार लोगों में होती है पर ज्योतिषीय नजरिये से जिन लोगों की कुंडली में लाभ स्थान या लाभेश ग्रह बहुत पीड़ित होता है कुंडली में शुक्र बहुत कमजोर होता है या फिर करियर वाला पार्ट बहुत वीक होता है उन्हें बिजनेस फील्ड में नहीं जाना चाहिए क्योंकि ऐसे में बिजनेस में सफलता नहीं मिलती या इन्वेस्ट किया हुआ पैसा फस जाता बिजनेस में प्रॉफिट नहीं हो पाता।