आपकी कुंडली मे है मालव्य योग तो जीवन होगा ऐश्वर्यवान वैभवपूर्ण और समृद्ध
मालव्य योग फलित ज्योतिष में बहुत शुभ और अच्छा फल देने वाला योग माना गया है जो व्यक्ति को समृद्धि और सफलता प्रदान करता है। मालव्य योग जन्मकुंडली में शुक्र की विशेष स्थिति से बनने वाला एक योग है।
यदि कुंडली में शुक्र स्व या उच्च राशि (वृष, तुला, मीन) में होकर केंद्र (पहला, चौथा, सातवा और दसवा भाव) में बैठा हो तो इसे मालव्य योग कहते हैं। शुक्र को धन, घर, संपत्ति, विलासिता, ऐश्वर्य, आदि भौतिक सुखों का कारक होता है। ........ यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मालव्य योग बन रहा हो और पाप प्रभाव से मुक्त हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में अच्छी धन-संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, आर्थिक पक्ष मजबूत होता है और ऐसा व्यक्ति समान्य उन्नति से कहीं अधिक वैभव को प्राप्त करता है, मालव्य योग वाला व्यक्ति बहुत महत्वकांक्षी और बड़ी इच्छाएं रखने वाला होता है, मालव्य योग होने पर व्यक्ति का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है और लोग उसकी और अट्रेक्ट होते हैं। यदि किसी पुरुष की कुंडली में मालव्य योग हो तो उसके वैवाहिक जीवन के लिए बहुत शुभ होता है ऐसे लोगो को विवाह के उपरांत जीवन में विशेष सफलताएं मिलती हैं। कुंडली में मालव्य योग बनने पर व्यक्ति क्रियेटिव फील्ड अर्थात रचनात्मक या कलात्मक क्षेत्रों में अच्छा करियर बना सकता है जैसे - एनिमेशन, पेंटिंग, संगीत, डांसिंग, एक्टिंग, मेकअप आर्टिस्ट, ब्यूटीशियन, ब्यूटीपार्लर तथा स्त्रियों से सम्बंधित कार्य जैसे सौन्दर्य प्रसाधन, रेडीमेड गारमेंट्स, ज्वेलरी आदि भी विशेष सफलतादायक होते हैं। ........ यदि कुंडली में बना मालव्य योग पाप प्रभाव से मुक्त अछि प्रकार बना हुआ हो तो ऐसे में कुंडली में शुक्र की दशा आने पर सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है
।। श्री हनुमते नमः।।
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